Shri Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi: जानिए श्री प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय 2024

Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi | कौन है प्रेमानंद जी महाराज और कैसे बने सन्यासी | प्रेमानंद जी महाराज का जीवन परिचय | shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Wikipedia | shri hit premanand govind Sharan ji maharaj Jivan Parichay in Hindi, age, date of birth, ashram vrindavan address, health, family

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Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi

Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi

राधे-राधे! इस घोर कलयुग में हमें एक ऐसे मार्ग-दर्शन की आवश्यकता है जो हमें सही राह बताएं और हमें भागवत मार्ग पर जाने, भगवान को अपनाने के लिए प्रेरित करें जिससे हमारी आस्था प्रभु के प्रति और दृढ़ हो सके वैसे तो हमारे इस भारत में महान संतों और ऋषि मुनियों का जन्म हुआ है जिन्होंने भागवत मार्ग पर चलने को प्रेरित किया है और भगवान के प्रति आस्था को मूल रूप से और दृढ़ बनाने के लिए अपने प्रवचनों से प्रभावित किया है ठीक उसी प्रकार आज भी हम एक ऐसे संत, सन्यासी जी की बात करने वाले हैं जिनके पास कई बड़े-बड़े लोग भी केवल मार्ग-दर्शन के लिए एवं उनके प्रवचनों को सुनने के लिए आते हैं आपको बता दे कि उन सन्यासी संत जी का नाम श्री प्रेमानंद जी महाराज है वैसे तो ज्यादातर लोगों ने इनका नाम सोशल मीडिया के माध्यम से सुना ही होगा एवं उनके प्रवचनों को भी सुना होगा वर्तमान समय में यूट्यूब एवं अन्य कई माध्यमों से उनके द्वारा बताए गए प्रवचन एवं उपदेश लोगों तक पहुंचते हैं |

श्री प्रेमानंद जी महाराज का जन्म व बचपन

आपको बता दे की प्रेमानंद जी महाराज का जन्म एक ब्राह्मण परिवार में उत्तर प्रदेश राज्य के कानपुर के सरसोल ब्लॉक के अखरी गांव मे हुआ था महाराज जी का स्वभाव बिल्कुल साधारण एवं शांत और एकांत रहने वाले व्यक्ति के समान था |

श्री प्रेमानंद जी महाराज बचपन से ही आध्यात्मिक और भगवान में आस्था रखने वालों में से थे उन्होंने बचपन में ही कई धार्मिक पुस्तकों को पढ़ा एवं उनसे प्रेरित होकर और भी उनका संकल्प भागवत मार्ग के प्रति उनका निश्चय दृढ़ हो गया आपको बता दे की छोटी सी उम्र में ही उन्होंने पूरी हनुमान चालीसा को याद कर लिया था और प्रतिदिन उसका पाठ भी करते थे आपको जानकर हैरानी होगी कि कम उम्र में ही श्री प्रेमानंद जी महाराज ने अपने घर को त्याग दिया था और वह इस जीवन की सच्चाई को जानने के लिए भागवत मार्ग की और निकल पड़े थे जैसे-जैसे वह बड़े होते गए वैसे उनका आध्यात्मिक ज्ञान और भी बढ़ने लगा |

प्रेमानंद जी महाराज का परिवार

आपको जानकर हैरानी होगी कि प्रेमानंद जी महाराज का नाम बचपन से ही प्रेमानंद जी बिल्कुल भी नहीं था आपको बता दे असल में प्रेमानंद जी का नाम उनके सन्यासी जीवन से पहले अनिरुद्ध कुमार पांडे था जिनका जन्म एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था अगर हम उनके पिताजी की बात करें तो उनके पिताजी का नाम श्री शंभूनाथ पांडे जी और उनकी माताजी का नाम श्रीमती रमादेवी जी था | प्रेमानंद जी महाराज के बड़े भाई भी पूर्ण रूप से आध्यात्मिक थे और प्रभु के भक्तगणों को श्रीमद्भागवतगीता का ज्ञान देते थे |

श्री प्रेमानंद जी महाराज की आयु

अगर हम स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के आयु के विषय में जानने का प्रयास करें तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं लगता है कि उनकी उम्र 61 वर्ष है प्रेमानंद जी महाराज के चेहरे पर जिस प्रकार का तेज है उससे यह कदापि नहीं लगता है कि उनकी आयु इतनी हो सकती है |

स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज से संबंधित जानकारी

असली नामअनिरुद्ध कुमार पांडे
जन्मस्थानउत्तर प्रदेश(कानपुर- सरसोल ब्लॉक,अखरी गांव)
आयु61 वर्ष
धर्महिन्दू
जातिब्राह्मण
दीक्षा प्राप्ति नामश्री प्रेमानंद जी महाराज/आनंदस्वरूप ब्रह्मचर्य
वैवाहिक जीवनअविवाहीत
माता का नामश्रीमती रमादेवी जी
पिता का नामश्री शंभूनाथ पांडे जी
राष्ट्रीयताभारतीय

भागवत मार्ग प्राप्ति के लिए गृह त्याग

आप इस बात को जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे की भागवत प्राप्ति के लिए श्री प्रेमानंद जी महाराज ने मात्र 13 वर्ष की आयु में ही अपने गृह का त्याग कर दिया था केवल और केवल भागवत प्राप्ति के लिए और वह वाराणसी की घाटों पर एकांत जीवन व्यतीत करते थे वह प्रतिदिन गंगा जी में स्नान करके तुलसी घाट पर एक वृक्ष के नीचे परमेश्वर का ध्यान करते थे और यदि उनके दिनचर्या की बात करें तो केवल और केवल वह भगवान का नाम ही जपते थे यदि उन्हें भोजन प्राप्त करना होता था तब वह मंदिरों की लाइन में लगकर भोजन प्राप्ति की प्रतीक्षा करते थे कई-कई दिन तो ऐसा भी हुआ है कि उन्हें भूखे रहना पड़ता था एक बात तो सत्य है भागवत प्राप्ति का मार्ग बेहद कठिन होता है जो किसी आम व्यक्ति के लिए असंभव है घर की सुख-सुविधाओं को छोड़कर ऐसे बहुत कम ही हैं जिन्होंने सन्यासी मार्ग को अपनाया है जिनमें से एक स्वयं वर्तमान समय में श्री प्रेमानंद जी महाराज के नाम से जाने जाते हैं |

श्री प्रेमानंद जी महाराज कैसे बने संन्यासी ?

Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi

श्री प्रेमानंद जी महाराज के सन्यासी जीवन के शुरुआत होने की बात करें तो महाराज सर्वप्रथम महाराज जीने नैष्ठिक  ब्रह्मचर्य के दीक्षा को ग्रहण कियाइसके उपरांत उन्हें आनंदस्वरूप ब्रह्मचर्य का नाम भी दिया गयाउसके पश्चात उन्होंने संन्यास जीवन स्वीकार कियाआपको बता दे की महाकाव्य को स्वीकार करने के पश्चातहीउनका नाम स्वामी आनंदस्वरूप रखा गया 

एक आध्यात्मिक संत के रूप में उनका अधिकांश जीवन उन्होंने गंगा नदी के तट पर तट पर ही व्यतीत किया क्योंकि महाराज जी ने कभी भी आश्रम के जीवन को स्वीकार ही नहीं किया था वह कई दिनों तक बिना भोजन के उपवास करते थे और उनका और ठंड के मौसम में उनका शरीर कापता था लेकिन परम परमेश्वर के ध्यान में पूरी तरह से लीन रहते थे जिसका अधिक प्रभाव उन पर नहीं पड़ता था |

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श्री प्रेमानंद जी महाराज वृन्दावन कैसे आए ?

स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के वृंदावन आने के पीछे का यदि कारण जानने का प्रयास करें तो हमें यह जानने को मिलता है कि जब स्वामी प्रेमानंद जी महाराज वाराणसी में थे, तब उन्हें एक ऐसे संत ने रासलीला में भाग लेने के लिए प्रेरणा दि जिन्हें वह नहीं जानते थे इस रासलीला का आयोजन स्वयं स्वामी श्री राम शर्माजी द्वारा किया जा रहा था आपको बता दे उन्होंने 1 महीने तक रासलीला में भाग लिया, दिन में वह श्री चैतन्य महाप्रभु की और रात में श्री श्यामा श्याम की रासलीला देखते थे इन लीलाओं को देखकर वह इतने प्रभावित हो गए ऐसा मानो जैसे इनके बिना जीवन की कल्पना भी संभव नहीं है इसके पश्चात स्वामी जी की सलाह पर और नारायणदास भक्तमाली के एक शिष्य की मदद से महाराज जी मथुरा जाने वाले ट्रेन में चढ़ गए वह इस बात से बिल्कुल अनजान थे कि आने वाले समय में वह वृंदावन में ही हमेशा के लिए उनका मन लग जाएगा |

वृंदावन आने के पश्चात सन्यासी जीवन से श्रीराधावल्लभी संत में कैसे हुआ परिवर्तन

Premanand Ji Maharaj Biography In Hindi

श्री प्रेमानंद जी महाराज बिना किसी परिचित व्यक्ति के वृंदावन पहुंच तो गए थे परंतु प्रेमानंद जी महाराज की प्रारंभिक दिनचर्या में वह श्री वृंदावन धाम की परिक्रमा और श्री बांकेबिहारी लाल के दर्शन ही करते थे आपको बता दे बांकेबिहारी जी के मंदिर में ही उन्हें एक संत ने श्री राधाबल्लभ मंदिर देखने का सुझाव दिया | एक दिन श्री राधाबल्लभ मंदिर मे श्री मोहितमराल गोस्वामी जी की नजर प्रेमानंद जी महाराज पर पड़ी इसके पश्चात श्री मोहित मराल गोस्वामी जी ने उन्हें अपने पास बुलाया और उन्हें श्री हित हरिवंश महाप्रभु द्वारा रचित ‘श्री राधारससुधा निधि’ का एक श्लोक सुनाया परंतु प्रेमानंद जी महाराज संस्कृत में पारंगत होने के पश्चात भी इसका अर्थ समझने में असमर्थ रहे तब श्री मोहितमराल गोस्वामी जी ने उन्हें श्री हरिवंश और राधा रानी का नाम जपने के लिए प्रोत्साहित किया और इसके पश्चात उन्हें स्वयं मोहितमराल गोस्वामी जी से दीक्षा प्राप्त हुई |

श्री प्रेमानंद जी महाराज स्वास्थ्य

आपको बता दे की प्रेमानंद जी महाराज बिल्कुल ही सामान्य व्यक्ति के समान ही स्वस्थ है भले ही उनकी दोनों किडनी खराब है परंतु उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या का सामना नहीं करना पड़ता इस परिस्थिति के पश्चात भी महाराज जी की अवस्था को लोग देखकर आश्चर्यचकित रह जाते हैं केवल इस बात को सोचकर कि वह पूरी तरह स्वस्थ है महाराज जी श्री वृंदावन धाम में निवास करते हैं और श्री राधाबल्लभ सरकार में निरंतर मगन रहते हैं और श्रद्धालुओं को भी श्री राधारानी का नाम जप करने के लिए प्रेरित करते हैं |

आखिर क्यों सोशल मीडिया पर काफी चर्चा में हैं श्री प्रेमानंद जी महाराज

आपको बता दे की वर्तमान समय में इस आधुनिक टेक्नोलॉजी के माध्यम से ही काफी कुछ लोगों को लाभ हुआ है  और आपको बता दें कि सोशल मीडिया के माध्यम से ही अधिकतर लोगों को स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के बारे में पता चला है स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के अधिक चर्चा में आने के पश्चात ही भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली एवं उनकी धर्म-पत्नी अनुष्का शर्मा अपनी बेटी के साथ उनके पास उनके प्रवचन एवं सत्संग सुनने के लिए पहुंचे | स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के प्रवचन एवं उनके द्वारा बताया गया सतमार्ग ज्यादातर लोगों के पास सोशल मीडिया के माध्यम से ही पहुंच पाता है जिस वजह से भक्तगण उनके प्रवचनों को सुनना पसंद करते हैं एवं उनके पास ज्यादातर आने वाले सभी भक्तगण उनके प्रवचन सुनने के पश्चात प्रभावित होने के बाद ही आते हैं |

स्वामी श्री प्रेमानंद जी महाराज के जो भी सत्संग होते हैं उनको रिकॉर्ड करके उनके ऑफिशियल सोशल मीडिया एकाउंट्स पर भी शेयर किया जाता है जिसे लोग ऑनलाइन भी घर बैठे सुन सकते हैं जैसे:

Official Social Media Accounts

Official Websitevrindavanrasmahima.com
Youtube ChannelShri Hit Radha Kripa
Instagrambhajanmarg official
FacebookVrindavan Ras Mahima

FAQ

प्रेमानंद जी महाराज का असली नाम क्या है?

श्री प्रेमानंद जी महाराज कानाम सन्यासी जीवन से पहले अनिरुद्ध कुमार पांडे था |

प्रेमानंद जी महाराज के गुरु कौन है?

श्री प्रेमानंद जी महाराज के गुरु जी का नाम श्री गौरंगी शरण जी महाराज है |

प्रेमानंद जी महाराज वर्तमान समय में कहां पर निवास करते हैं?

आपको बता दे श्री प्रेमानंद जी महाराज वर्तमान में अभी वृंदावन धाम में निवास कर रहे हैं |

श्री प्रेमानंद जी महाराज की आयु कितनी है?

प्रेमानंद जी महाराज की आयु 61 वर्ष है |

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